खंडपीठ का नाम रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर रखा गया है, जो 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी की शुरुआत के एक भारतीय बहुश्रुत, कवि, संगीतकार और कलाकार थे।