2002 की राष्ट्रीय पर्यटन नीति भारत में पर्यटन के आतिथ्य आयाम को महत्व देने वाली पहली नीति थी। यह नीति गुणवत्तापूर्ण आतिथ्य सेवाएं, बुनियादी ढांचा और विपणन प्रदान करने पर जोर देती है। इसने पर्यटन के बुनियादी ढांचे और सेवाओं को विकसित करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी को भी बढ़ावा दिया।